आकस्मिक तथा विशेष आकस्मिक अवकाश! Casual and Special Casual Leave

Casual and Special Casual Leave: आकस्मिक अवकाश, वित्तीय नियम संग्रह खण्ड 2 भाग 2 से 4 के सहायक नियम 201 के अन्तर्गत रखा गया है। आकास्मिक अवकाश को मूल नियम के अनुसार अवकाश नहीं माना जाता बल्कि आकस्मिक अवकाश पर रहने वाला व्यक्ति डयूटी पर माना जाता है।

Manual of Government Orders के नियम 1081 से 1088 तक आकस्मिक अवकाश सम्बन्धित निर्देशों में उल्लिखित किया गया है कि किसी सरकारी -सेवक को एक कैलेन्डर वर्ष में अधिक से अधिक 14 दिन का अवकाश दिया जा सकता है किन्तु एक समय में 10 दिन से अधिक विशेष परिस्थिति में ही दिया जाना चाहिये। ऐसी विशेष परिस्थिति अपवाद स्वरूप हो सकती है। सामान्यतः 10 दिन से अधिक का एक बार आकस्मिक अवकाश नहीं दिया जाना चाहिये । उक्त 14 दिन के अतिरिक्त भी स्वीकर्ता अधिकारी 2-3 दिन का विशेष आकस्मिक अवकाश भी स्वीकृत कर सकता है। जिसकी सूचना शासन के प्रशासकीय विभाग को भेजनी चाहिए।

Casual and Special Casual Leave

पूर्व में नियम था कि आकस्मिक अवकाश की अवधि के मध्य पड़ने वाले रविवार, अवकाश तथा अकार्य दिवस (non-working days), आकस्मिक अवकाश की संख्या में सम्मिलित कर लिए जाते थे, किन्तु उत्तर प्रदेश शासन के कार्यालय ज्ञाप सं0 3-1-1979 कार्मिक दिनांक 16 अक्टूबर 1979 द्वारा इसमें संशोधन इस प्रकार किया गया है कि आकस्मिक अवकाश की अवधि के बीच में जो रविवार अवकाश तथा अन्य अकार्य दिवस आते है तो उनकी गणना आकस्मिक अवकाश में नहीं की जायेगी। मैनुअल आफ गर्वन्मेंट आर्डर्स के पैरा 99 (iv) का संशोधित रूप यह है-

“Sunday, holidays and non-working days falling during the period of Casual leave should not be counted as casual leave.”

इसी प्रकार पहले यह आदेश था कि आकस्मिक अवकाश के पूर्व या अन्त में पड़ने वाले रविवारों या अन्य छुट्टियों को जोड़ने की अनुमति दी जा सकती है। इसका यह अर्थ समझा गया कि रविवारों या छुट्टियों के या दो पहले या बाद में (एक ही बार) आकस्मिक अवकाश जोड़े जाने की अनुमति दी जा सकती है। इसे समाप्त करने के लिए मैनुअल आफ गवर्नमेंट आर्डर्स का परिच्छेद 90 (ii) (क) संशोधन कर दिया गया। संशोधन के अनुसार रविवार या अन्य छुट्टियाँ आकस्मिक अवकाश के पूर्व भी और बाद में भी दोनों बार जोड़ी जा सकती है, यह स्वीकृति अधिकारी के विवेकाधीन है। संशोधित शब्दावली इस प्रकार है:-

“Sundays or closed holidays which precede a period of Casual leave or come at the end of it may be permitted to be prefixed and/or suffixed to such leave at the discretion of the sanctioning authority who should ensure that by the grant of this permission, normal work is not dislocated and this facility is not abused.”

आकस्मिक तथा विशेष आकस्मिक अवकाश

आकस्मिक अवकाश उपार्जित अवकाश के तारतम्य में लिया जा सकता है। यहाँ वित्त हस्त पुस्तिका सहायक नियम 201 में कहा गया है कि आकस्मिक अवकाश दीर्घावकाश (Vacation) के साथ संयोजित नहीं किया जा सकता। सहायक नियम 202 (क) में कहा गया है कि नियमों के अन्तर्गत स्वीकृत अवकाश के पहले या बाद में ड्यूटी से अनुपस्थित होने पर आकस्मिक अवकाश से आच्छादित माना जा सकता है यदि ऐसी अनुपस्थिति उन कारणों से हो जिन पर कर्मचारी का वश न हो।

ऐसे सरकारी कर्मचारी, जो अल्पबचत योजना के एजेन्ट के रुप में कार्यरत होने के फलस्वरुप सम्बन्धित योजना के शिविर में भाग लेने के आदेशित हो, को भी एक कैलेण्डर वर्ष में 03 दिवस का विशेष अवकाश दिया जा सकता है। (उत्तर प्रदेश शासन कार्यालय ज्ञाप / 3188 / बी-181 62 दिनाँक 14-1-63)

Manual of Government Orders परिच्छेद 885 में दिया है कि राष्ट्रीय महत्व के खेलकूद में भाग लेने के लिए एक कैलेन्डर वर्ष में 50 दिन का विशेष आकस्मिक अवकाश दिया जा सकता है।

नोट-मैनुअल आफ गवर्नमेंट आर्डर्स के अध्याय 192 में आकस्मिक अवकाश की चर्चा की गई है। वित्तीय नियम संग्रह के खण्ड 2 के भाग 2-4 के अध्याय 20 में तथा सहायक नियम 201 तथा 202 के अन्तर्गत ही मैनुअल ऑफ गवर्नमेंट आर्डर्स निर्गत हुए हैं।

Manual of Government Orders के अध्याय 142 में आकस्मिक अवकाश से संबंधित नियम

सरकारी आदेश नियम संग्रह (मैनुअल आल आफ गवर्नमेन्ट आर्डर्स) के पैरा 1081 से 1088 तक में आकस्मिक अवकाश से सम्बन्धित निम्नलिखित नियमों का वर्णन किया गया है

(1) जब सरकारी कर्मचारी आकस्मिक अवकाश के कारण कार्य से अनुपस्थित हो, तब अवकाश स्वीकृत करने वाले प्राधिकारी का यह दायित्व होता है कि वह आकस्मिक अवकाश पर जाने वाले कर्मचारी के आवश्यक कार्य के निस्तारण के लिए उचित व्यवस्था करे ।

इसके सम्बन्ध में सहायक नियम 201 में प्रावधान किया गया है, जिसमें कहा गया है कि न तो आकस्मिक अवकाश को मान्यता दी गयी है और न ही यह किसी नियम के अधीन है। इसलिए जब सरकारी कर्मचारी आकस्मिक अवकाश पर होता है, तब उसे कर्तव्य पर से अनुपस्थित नहीं माना जाएगा (प्रस्तर 1081) और न ही उसके वेतन को रोका जाता है। फिर भी आकस्मिक अवकाश को इस प्रकार स्वीकृत नहीं किया जाना चाहिए, जिससे निम्नलिखित से सम्बन्धित नियमों की अवहेलना हो।

(1) भत्तों का हिसाब लगाने की तिथि
(2) पद का कार्यभार
(3) अवकाश का प्रारम्भ तथा समापन,
(4) कर्तव्य पर वापसी
या आकस्मिक अवकाश की अवधि स्वीकार्य अधिकतम अवधि से अधिक हो जाय। आकस्मिक अवकाश को दीर्घावकाश के साथ संयोजित नहीं किया जा सकता।

(2) प्रस्तर 1082 :- आकस्मिक अवकाश की सीमा – एक कैलेण्डर वर्ष में आकस्मिक अवकाश केवल 14 दिन तक के लिए ही स्वीकृत किया जा सकता है। सामान्य तौर पर एक बार में केवल 10 दिन के लिए ही आकस्मिक अवकाश की स्वीकृति दी जा सकती है, लेकिन इस अवधि में विशेष परिस्थितियों के कारण अवकाश स्वीकृत करने वाला प्राधिकारी वृद्धि कर सकता है एवं 14 दिन से अधिक का आकस्मिक अवकाश एक कलेंडर वर्ष में स्वीकृत कर सकता है।

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(3) उन रविवारों तथा अन्य अवकाशों, जो स्वीकृत आकस्मिक अवकाश के पूर्व में तथा बाद में पड़ते हैं, को आकस्मिक अवकाश के साथ संयोजित किया जा सकता है, लेकिन आकस्मिक अवकाश की अवधि के दौरान आने वाले रविवारों तथा अन्य अवकाशों को आकस्मिक अवकाश में शामिल नहीं किया जाएगा।

अकास्मिक अवकाश के आरम्भ के अंत में छुटियों या अन्य अकार्य दिवसों का जोड़े जाने संबंधी शासनदेश।

(4) अवकाश स्वीकृत करने वाला प्राधिकारी 14 दिन के आकस्मिक अवकाश की समाप्ति के बाद भी कुछ दिन का आकस्मिक अवकाश स्वीकृत कर सकता है लेकिन इसके लिए सामान्य कर्मचारियों के मामले में प्रशासनिक विभाग को तथा न्यायिक अधिकारियों के मामले में उच्च न्यायालय को रिपोर्ट प्रेषित की जानी चाहिए, लेकिन लिपिकीय वर्ग के कर्मचारियों के मामले में ऐसी किसी रिपोर्ट को प्रेषित करने की आवश्यकता नहीं है।

(5) प्रस्तर 1083: आकस्मिक अवकाश पर मुख्यालय छोड़ने की पूर्व अनुमति – यदि आकस्मिक अवकाश पर जाने वाले कर्मचारी को उस शहर, जिसमें उसका कार्यालय स्थित है, से बाहर जाना हो, तो उसे इसकी सूचना अवकाश स्वीकृत करने वाले प्राधिकारी को प्रदान करके उसकी पूर्व अनुमति प्राप्त करना चाहिए तथा उस प्राधिकारी को वह पता भी उपलब्ध कराना चाहिए, जिस पर अवकाश की अवधि के दौरान उससे सम्पर्क किया जा सके।

(6) प्रस्तर 1084 :- आकस्मिक अवकाश लेने के समुचित कारण- (i) आकस्मिक अवकाश समुचित कारण के आधार पर ही स्वीकृत किया जाना चाहिए। (ii) यदि कोई सरकारी सेवक उस समय आकस्मिक अवकाश लेता है. जब वह मुख्यालय से बाहर दौरे पर है, तो वह उस दिन का, जिस दिन वह अवकाश लेता है, दैनिक भत्ता प्राप्त करने का हकदार नहीं होगा।

(7) प्रस्तर 1085 :- सक्षम अधिकारी – आकस्मिक अवकाश को केवल वही प्राधिकारी स्वीकृत कर सकता है, जिसे इसके लिए विशेष रूप से प्राधिकृत किया जाय। यदि आकस्मिक अवकाश को स्वीकृत करने के लिए कोई प्राधिकारी विशेष रूप से प्राधिकृत नहीं है तो इसके लिए सरकार के प्रशासनिक विभाग से आदेश प्राप्त किया जाना चाहिए।

(8) प्रस्तर 1086 आकस्मिक अवकाश रजिस्टर आकस्मिक अवकाश स्वीकृत करने वाला सक्षम अधिकारी द्वारा आकस्मिक अवकाश एवं निर्बन्धित अवकाश का लेखन निम्न प्रारूप पर अनिवार्य रूप से रखा जाएगा। इस रजिस्टर का परीक्षण निरीक्षणकर्ता अधिकारियों द्वारा समय समय पर किया जाएगा।

कर्मचारी का नाम व पदनामस्वीकृत किया गया आकस्मिक अवकाशनिर्बन्धित अवकाश
ABCDEF14, 13, 12, 11, 10, 9, 8, 7, 6, 5, 4, 3, 2, 12, 1

(9) प्रस्तर 1087 के अनुसार विशेष आकस्मिक अवकाश की स्वीकृति निम्नलिखित कारणों से प्रदान किया जा सकता है-

  • जब किसी सरकारी कर्मचारी को विश्वविद्यालय कोर्ट या सीनेट में भागीदारी करने के लिए नामजद किया जाता है या वह उसका सदस्य हो ।
  • जब किसी सरकारी कर्मचारी को परिवार नियोजन कार्यक्रम के अन्तर्गत नसबन्दी आपरेशन करना हो। इसके लिए 6 दिन का आकस्मिक अवकाश प्रदान किया जाता है।
  • जब सरकारी कर्मचारी, जो अल्प बचत योजना में आन्तरिक अभिकर्ता के रूप में कार्य करता हो, को राज्य सरकार द्वारा आयोजित शिविरों में भाग लेना पड़े। इसके लिए 3 दिन का आकस्मिक अवकाश वर्ष में एक बार प्रदान किया जा सकता है।
  • जब सरकारी कर्मचारी जो भारतीय लोक प्रशासन संस्था का सदस्य हो, को संस्था की बैठक में भाग लेना पड़े, लेकिन इसके लिए वर्ष में अधिकतम 6 दिन और उतने दिन, जो यात्रा के लिए आवश्यक हो, का आकस्मिक अवकाश प्रदान किया जा सकता है।
  • जब किसी कर्मचारी को किसी वैज्ञानिक या अभियांत्रिकी संस्था में प्रतिनिधि के रूप में आमंत्रित किया जाय या वह इन संस्थाओं में अपना लेख पढ़ना चाहता हो, तब उसे उतने दिन का आकस्मिक अवकाश प्रदान किया जा सकता है, जितना बैठक में भाग लेने तथा यात्रा के लिए आवश्यक हो ।
  • जब किसी महिला कर्मचारी को परिवार नियोजन के लिए नसबन्दी कराना हो तो उसे 14 दिन का आकस्मिक अवकाश प्रदान किया जा सकता है तथा आई० पू० सी० डी० के लिए एक दिन का आकस्मिक अवकाश प्रदान किया जा सकता है। ( शासनादेश विवरण कार्मिक अनुभागत, शासनादेश संख्या- 13/1/1981- का-1, दिनाँक 16/04/1981)
  • यदि परिवार नियोजन के लिए पहला नसबन्दी आपरेशन सफल न हो, तब दूसरे आपरेशन के लिए महिला कर्मचारी को 14 दिन का तथा पुरुष कर्मचारी को 6 दिन का आकस्मिक अवकाश प्रदान किया जा सकता है। ( शासनादेश विवरण कार्मिक अनुभाग 1. शासनादेश संख्या-3/1-1981-का-1, दिनांक- 01/12/1981)
  • जो कर्मचारी परिवार नियोजन के लिए नसबन्दी आपरेशन कराता है, उसके प्राधिकृत चिकित्सा अधिकारी की संस्तुति पर 6 दिन का और आकस्मिक अवकाश प्रदान किया जा सकता है।

(10) प्रस्तर 1088 भारत से बाहर जाने के लिए आकस्मिक अवकाश -भारत से बाहर जाने के लिए आवेदित किये गए अवकाश की स्वीकृति सक्षम अधिकारी द्वारा शासन की पूर्वानुमति के नहीं दी जाएगी।

विशेष आकस्मिक अवकाश

विशेष परिस्थितियों में कुछ दिन की विशेष छुटटी दी जा सकती है।

  1. लिपिक वर्गीय स्टाफ के अतिरिक्त अन्य को दी गयी विशेष छुट्टियों की सूचना सकारण प्रशासकीय विभाग को भेजनी होगी।
  2. शा0सं0 बी-820/दो-बी-ज 55, दिनांक 27-12-1955 तथा एम०जी०ओ० का पैरा 882 व 1087 राष्ट्रीय तथा अन्तराष्ट्रीय खेलकूद में भाग लेने के लिए चयनित खिलाड़ियों को 30 दिन का विशेष आकस्मिक अवकाश दिया जा सकता है।
  3. मान्यता प्राप्त सेवा संघों / परिसंघों के अध्यक्ष एवं सचिव को एक कैलेण्डर वर्ष में अधिकतम 07 दिन का तथा कार्यकारिणी के सदस्यों को अधिकतम 04 दिन का विशेष आकस्मिक अवकाश देय होगा। कार्यकारिणी के उन्हीं सदस्यों को यह सुविधा अनुमन्य होगी जो बैठक के स्थान से बाहर से आयें। (शासनादेश संख्या : 1694/का-1/83. दिनांक 5-7-83 तथा 1847/का-4-ई-एक-81-83, दिनांक 4-10-83)
  4. सरकारी सेवकों के संगठनों के वार्षिक अधिवेशनों पर विशेष आकस्मिक अवकाश प्रदान किया जाना (कार्मिक अनुभाग 4 शासनादेश संख्या : 11/1 ई.एम./2011-का-4-2014, दिनांक 30/06/2014)

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