उत्तर प्रदेश राज्य कर्मचारियों के लिए अवकाश नियम ! Leave Rules for UP Government Employee

Leave Rules for UP Government Employee : इस पोस्ट के माध्यम से हम आपके लिये उत्तर प्रदेश राज्य के समस्त कर्मचारियों के लिये उपयोगी होने वाले अवकाश नियमों का संग्रह लेकर आये हैं। जैसा कि आप सभी जानते हैं कि प्रत्यके वर्ष के प्रारम्भ में सरकार द्वारा निर्धारित राजपत्रित अवकाशों की सूची निर्गत की जाती है, किन्तु कर्मचारियों को इन अवकाशों के अतिरिक्त भी अपने आवश्यक कार्यों की आवश्यकतानुसार अवकाश लेना पड़ते हैं।

उत्तर प्रदेश राज्य सरकार ने अप्रैल 1966 से स्पष्ट रुप से अवकाश नियमों में स्थायी एवं अस्थायी दो प्रकार के कर्मचारियों को आधार बनाया है और अर्जित अवकाश में पूर्व से लागू 120 दिनों की सीमा को बढ़ाकर 180 कर दिया। बाद में शासनादेश संख्या सां0-4-1335/दस-88-203/88 दिनांक 17.09.1988 के द्वारा इसे बढ़ाकर 240 दिन कर दिया गया। वर्तमान में शासनादेश संख्या सा-4-392/दस-99-203-86 दिनांक 01.07.1999 के द्वारा अर्जित अवकाश की सीमा को बढ़ाकर 300 दिन कर दिया गया।

सरकार द्वारा घोषित किये गये अवकाश

Manual of Government Orders में रविवार, राजपत्रित अवकाशों एवं ऐसे दिवस जिन पर कार्य बन्द रहता है, को तीन प्रकार के सार्वजनिक अवकाशों में उल्लिखित किया गया है।

1- रविवार एवं द्वितीय शनिवार को कार्यालय पूर्ण रुप से बन्द रहते हैं, जिन कार्यालयों में विभागाध्यक्ष का कार्यालय भी हो तो वहॉं पर प्रत्येक शनिवार को भी कार्यालय बन्द रहते हैं। इसके लिये किसी प्रकार के गजट या विज्ञप्ति कराने की आवश्यकता नहीं हैं।

2- राजपत्रित अवकाश ऐसे अवकाश हैं जो किसी कार्यालय विशेष के सम्बन्ध में अवकाश रखने का आदेश गजट में विज्ञापित कर दिया जाता है।

3- पूर्णबन्दी वाले अवकाश नेगोशियेबुल इन्स्टूमेन्ट्स एक्ट, 1881 द्वारा या उसके अधीन नियमों से विज्ञापित की जाती है। इन अवकाशों में बैंकों और कोषागारों में भी अन्य कार्यालयों की भॉति अवकाश रहता है।

कुछ अवकाश के सम्बन्ध में अकार्य दिवस का प्रयोग किया जाता है। इस श्रेणी में विशेष प्रकार के अवकाशों को सम्मिलित किया जाता है। जैसे स्थानीय अवकाश, जो कार्यालयाध्यक्ष के स्व-विवेक से स्वीकृत किया जाता है। कुछ अवकाश ऐसे होते हैं जो केवल अनुज्ञात्मक होते हैं एवं कुछ अवकाश ऐसे होते हैं जो किसी विशेष घटना के कारण कार्यालय को आकस्मिक रुप से बन्द किया जाता है।

कर्मचारियों द्वारा आवेदित अवकाश

राज्य कर्मचारियों को सामान्य रुप से देय अथवा स्वीकार्य अवकाश के लिये आवेदन देना पड़ता है, जिसका उल्लेख वित्तीय हस्तपुस्तिका खण्ड दो के भाग 2 से 4 में किया गया है। उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा इनमें स्पष्टीकरण अथवा संशोधन हेतु राज्यपाल के आदेश निर्गत किये जाते हैं। इसके सम्बन्ध में आडिट के निर्देश भी महत्वपूर्ण होते हैं।

मुख्य आवेदित अवकाश इस प्रकार हैंः-

  1. अर्जित अवकाश (Earned Leave)
  2. चिकित्सीय अवकाश (Medical Leave)
  3. व्यक्तिगत कार्यों हेतु अवकाश (Leave For Private Affairs)
  4. लघुकृत अवकाश (Commuted Leave)
  5. असाधारण अवकाश (Extra Ordinary Leave)
  6. विशेष विकलांगता अवकाश (Special Disability Leave)
  7. प्रसूति अवकाश (Maternity Leave)
  8. अध्ययन अवकाश (Study Leave)

स्थायी और अस्थायी कर्मचारियों के लिये ये अवकाश भिन्न-भिन्न आधारों पर स्वीकृत किये जाते हैं। उन पर देय वेतन का आगणन भी भिन्न प्रकार से होता है। आकस्मिक तथा प्रतिकर अवकाश के विषय में विशेष व्यवस्था है। आकस्मिक अवकाशों को वित्तीय हस्तपुस्तिका के अनुसार मान्यता नहीं दी गयी है एवं पूर्ण वेतन पर देय हैं। साथ ही आकस्मिक अवकाश पर होने वाले कर्मचारियों को ड्यूटी से अनुपस्थित नहीं माना जाता है। प्रतिकर अवकाश की व्यवस्था मैनुअल ऑफ गवर्मेन्ट आर्डर्स के पैरा 1089 में दी गयी है।

आवेदन पत्र एवं स्वीकृति

अवकाश हेतु सक्षम अधिकारी के समक्ष आवेदन प्रस्तुत किया जाना चाहिये। साधरणतः सरकारी सेवकों के लिये सक्षम अधिकारियों की सूची राज्यपाल के आदेशों द्वारा निर्गत की जाती है। विकलंगता अवकाश स्वीकृत किये जाने हेतु अलग से नियम हैं। चिकित्सीय आधार पर अवकाश देने के लिये सक्षम चिकित्सकों का उल्लेख सहायक नियम 87 एवं 88 में किया गया है।

वित्तयी हस्त पुस्तिका के सहायक नियम 35, 36 और 37 में विकलांगता अवकाश छोड़कर अन्य प्रकार के अवकाशों के लिये अवकाश स्वीकृत के सक्षम अधिकारियों का उल्लेख है। अराजपत्रित कर्मचारी के लिये सहायक नियम 35 तथा राजपत्रित कर्मचारी के लिये सहायक नियम 36 प्रवृत है। अनिवार्य सेवानिवृत्ति की तिथि से आगे की तिथि तक के अवकाश के आवेदन पत्र स्वीकृत नहीं किये जा सकते हैं। इसके लिये नियम 37 के अनुसार शासन की पूर्व अनुमति आवश्यक है। विशेष विकलांगता अवकाश राज्यपाल द्वारा स्वीकृत किया जाता है। मूल नियम 81(3) तथा (7) के अन्तर्गत

अवकाश स्वीकृत करने वाले अधिकारी को सहायक नियम 99क, 101 तथा 106 में वर्णित प्रतिबन्धों पर अवश्य ध्यान देना चाहिए। सहायक नियम 99क में उल्लेख है कि जब सरकारी सेवक औसत वेतन अवकाश की समाप्ति पर ड्यूटी पर लौटता है, तो वापस आने की तिथि से (असाधारण परिस्थितियों को छोड़कर) उसे पुनः औसत वेतन अवकाश नहीं दिया जाना चाहिए। यह सक्षम अधिकारी के विवेक पर निर्भर है कि वह असाधारण परिस्थितियों के औचित्य को स्वीकार करे अथवा न करे।

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