उ0प्र0 सरकारी सेवक आचरण नियमावली

Uttar Pradesh Government Servants Conduct: उत्तर प्रदेश सरकारी सेवक आचरण नियमावली 1956 के अन्तर्गत प्राविधान एवं नियम उपलब्ध कराये गये हैं, जिन्हें एक सरकारी सेवक को अपने सरकारी सेवा के दौरान पालन करना होगा, यदि किसी सरकारी सेवक द्वारा इन नियमों का पालन नहीं किया जाता है तो सरकार या विभागाध्यक्ष या कार्यालयाध्यक्ष द्वारा ऐसे सरकारी सेवकों के विरुद्ध नियमानुसार कार्यवाही प्रस्तावित की जा सकती है।

इस आर्टिकल में हम आपका उ0प्र0 सरकारी सेवक आचरण नियमावली 1956 से सम्बन्धित उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा समय-समय पर निर्गत किये गये शासनादेश एवं नियमावलियों का संग्रह एवं आवश्यक जानकारी उपलब्ध कराने का प्रयास कर रहे हैं।

उ0प्र0 सरकारी सेवक आचरण नियमावली से सम्बन्धित शासनादेश

क्रम संख्याशासनादेश संख्यादिनांकयोजना/उपयोजना का नामसंलग्नक
123/67/11-बी-118-5421/07/1956उ0प्र0 सरकारी सेवक आचरण नियमावली, 1956डाउनलोड [888 KB] भाषा :हिंदी
Uttar Pradesh Government Servants Conduct Rules, 1956
Uttar Pradesh sarakaaree sevak aacharan niyamaavalee, 1956
213/5/98टीसी-का-1-199817/10/1998उ0प्र0 सरकारी सेवक आचरण नियमावली, 1956 यथासंशोधितडाउनलोड [729 KB] भाषा :हिंदी
Uttar Pradesh Government Servants Conduct Rules, 1956 as amended
Uttar Pradesh sarakaaree sevak aacharan niyamaavalee, 1956 yathaasanshodhit
313/5/98टीसी-का-1-200209/08/2002उ0प्र0 सरकारी सेवक आचरण नियमावली, 1956 यथासंशोधितडाउनलोड [555 KB] भाषा :हिंदी
Uttar Pradesh Government Servants Conduct Rules, 1956 as amended
Uttar Pradesh sarakaaree sevak aacharan niyamaavalee, 1956 yathaasanshodhit
445/संख्या-13/5/98-का-1-201415/05/2014‘उत्तर प्रदेश सरकारी कर्मचारियों की आचरण नियमावली, 1956” में संशोधन एवं ”उत्तर प्रदेश सरकारी सेवक (अनुशासन एवं अपील) नियमावली, 1999” में प्रथम संशोधन किया जाना।डाउनलोड [59 KB] भाषा :हिंदी
Amendment to be made in “Uttar Pradesh Government Servants’ Conduct Rules, 1956” and first amendment in “Uttar Pradesh Government Servants (Discipline and Appeal) Rules, 1999”.
uttar pradesh sarakaaree karmachaariyon kee aacharan niyamaavalee, 1956 mein sanshodhan evan uttar pradesh sarakaaree sevak (anushaasan evan apeel) niyamaavalee, 1999 mein pratham sanshodhan kiya jaana.
549/संख्या-13/5/98-का-1-201426/05/2014‘उत्तर प्रदेश सरकारी कर्मचारियों की आचरण नियमावली, 1956” में संशोधन एवं ”उत्तर प्रदेश सरकारी सेवक (अनुशासन एवं अपील) नियमावली, 1999” में प्रथम संशोधन किया जाना।डाउनलोड [59 KB] भाषा :हिंदी
Amendment to be made in “Uttar Pradesh Government Servants’ Conduct Rules, 1956” and first amendment in “Uttar Pradesh Government Servants (Discipline and Appeal) Rules, 1999”.
uttar pradesh sarakaaree karmachaariyon kee aacharan niyamaavalee, 1956 mein sanshodhan evan uttar pradesh sarakaaree sevak (anushaasan evan apeel) niyamaavalee, 1999 mein pratham sanshodhan kiya jaana.
676/संख्या-13/5/98-का-1-201408/08/2014उत्‍तर प्रदेश सरकारी कर्मचारियों की आचरण (संशोधन) नियमावली, 2014डाउनलोड [91 KB] भाषा :हिंदी
Uttar Pradesh Government Employees Conduct (Amendment) Rules, 2014
ut‍tar pradesh sarakaaree karmachaariyon kee aacharan (sanshodhan) niyamaavalee, 2014

नियम 1- संक्षिप्त नाम

ये नियम उत्तर प्रदेश सरकारी सेवक आचरण नियमावली 1956 कहलाएगें।

नियम 2- परिभाषाएँ

जब तक प्रसंग से कोई अन्य अर्थ अपेक्षित न हो, इन नियमों में

(क) सरकार से तात्पर्य उत्तर प्रदेश सरकार से है।

(ख) सरकारी सेवक से तात्पर्य उस व्यक्ति से हैं, उत्तर प्रदेश राज्य के कार्यों के सम्बद्ध लोक सेवाओं और पदों पर नियुक्त हो ।

स्पष्टीकरण- इस बात के होते हुए भी कि उस सरकारी कर्मचारी का वेतन उत्तर प्रदेश की संचित निधि से अतिरिक्त साधनों से लिया जाता है, ऐसे सरकारी कर्मचारी भी, जिसकी सेवाये उत्तर प्रदेष सरकार ने किसी कम्पनी, निगम, संगठन, स्थानीय प्राधिकारी, केन्द्रीय सरकार, राज्य सरकार को अर्पित कर दी हो, इन नियमों के प्रयोजनों के लिए, सरकारी कर्मचारी समझा जायेगा ।

(ग) किसी सरकारी कर्मचारी के सम्बन्ध में, “परिवार का सदस्य” के अंतर्गत निम्नलिखित व्यक्ति सम्मिलित होगें :-

(1) ऐसे सरकारी कर्मचारी की पत्नी उसका लड़का सौतेला लड़का अविवाहित लड़की या अविवाहित सौतेली लड़की चाहे वह उसके साथ रहता/रहती हो अथवा नही, और किसी सरकारी महिला कर्मचारी के संबंध में, उसके साथ रहने वाला तथा उस पर आश्रित उसका पति, तथा

(2) कोई भी अन्य व्यक्ति, जो रक्त सम्बन्ध या विवाह द्वारा उक्त सरकारी कर्मचारी कासंबंधी हो या ऐसे सरकारी कर्मचारी की पत्नी का या उसके पति का संबंधी हो और जो ऐसे कर्मचारी पर पूर्णतः आश्रित हो किन्तु इसके अर्न्तगत ऐसी पत्नी या पति सम्मिलित नही होगी, जो सरकारी कर्मचारी से विधितः पृथक की की गई हो। ऐसा लड़का सौतेला लडऋका, अविवाहित लड़की या अविवाहित सौतेली लड़की सम्मिलित नही होगा / होंगी, जो आगे के लिए किसी भी प्रकार उस पर आश्रित नही है या जिसकी अभिरक्षा से सरकारी कर्मचारी को विधि द्वारा वंचित कर दिया गया हो।

नियम 3 – सामान्य :-

( 1 ) प्रत्येक सरकारी कर्मचारी सभी समयों में, परम सत्यनिष्ठा तथा कर्तव्य परायणता से कार्य करता रहेगा।

(2) प्रत्येक सरकारी कर्मचारी, सभी समयों पर व्यवहार तथा आचरण को विनियमित करने वाले विशिष्ट या अन्तनिर्हित शासकीय आदेशों के अनुसार आचरण करेगा।

नियम 3-क कामकाजी महिलाओं के यौन उत्पीड़न का प्रतिषेध-

(1) कोई सरकारी कर्मचारी किसी महिला के कार्यस्थल पर उसके यौन उत्पीड़न के किसी कार्य में संलिप्त नहीं होगा।

(2) प्रत्येक सरकारी कर्मचारी जो किसी कार्य स्थल का प्रभारी हो, उस कार्यस्थल पर किसी महिला के यौन उत्पीड़न को रोकने के लिये उपयुक्त कदम उठायेगा। स्पष्टीकरण- इस नियम के लिये ‘यौन उत्पीड़न में प्रत्यक्षतः या अन्यथा काम वासना से प्रेरित कोई ऐसा अशोभनीय व्यवहार सम्मिलित है जैसे कि –

(क) शारीरिक स्पर्श और कामोदीप्त सम्बन्धी चेष्टाएँ,

(ख) यौन स्वीकृति की माँग या प्रार्थना,

(ग) काम वासना-प्रेरित फब्तियाँ,

(घ) किसी कामोत्तेजक कार्य व्यवहार या सामग्री का प्रदर्शन, या

(ड) यौन सम्बन्धी कोई अन्य अशोभनीय शारीरिक, मौखिक या सांकेतिक आचरण ।

नियम 4- सभी लोगों के साथ समान व्यवहार

(क) प्रत्येक सरकारी कर्मचारी, सभी लोगों के साथ, चाहे वे किसी भी जाति, पंथ या धर्म के क्यों न हों, समान व्यवहार करेगा ।

(ख) कोई भी सरकारी कर्मचारी किसी भी रूप में अस्पृश्यता का आचरण नहीं करेगा ।

नियम 4-क मादक पान तथा औषधि का सेवन कोई भी सरकारी कर्मचारी-

(क) किसी क्षेत्र में, जहाँ वह तत्समय विद्यमान हो, मादकपान अथवा औषधि सम्बन्धी प्रवृत्त किसी आदेश का दृढ़ता से पालन करेगा।

(ख) अपने कर्तव्य पालन के दौरान किसी मादक पान या औषधि के प्रभावाधीन नहीं होगा और इस बात का सम्यक ध्यान रखेगा कि किसी भी समय उसके कर्तव्यों का पालन किसी भी प्रकार ऐसे पेय अथवा औषधि से प्रभावित न हो,

(ग) रखेगा, सार्वजनिक स्थानों में किसी मादक पान अथवा औषधि के सेवन से अपने को विरत रखेगा।

(घ) मादक पान करके किसी सार्वजनिक स्थान पर उपस्थित नहीं होगा,

(ङ) किसी भी मादकपान या औषधि का प्रयोग अत्यधिक मात्रा में नहीं करेगा।

स्पष्टीकरण- इस नियम के प्रयोजनार्थ “सार्वजनिक स्थान” का तात्पर्य किसी ऐसे स्थान या भूगृहादि (जिसके अर्न्तगत कोई सवारी भी है) से है, जहां भुगतान करके या अन्य प्रकार से जनता आ-जा सकती हो या उसे आने जाने की अनुज्ञा हो ।

नियम 5- राजनीति तथा चुनावों में हिस्सा लेना

(1) कोई सरकारी कर्मचारी किसी राजनैतिक दल का, या किसी ऐसी संस्था का, जो राजनीति में हिस्सा लेती है, सदस्य न होगा और न अन्यथा उससे सम्बन्ध रखेगा औरन वह किसी ऐसे आन्दोलन में या संस्था में हिस्सा लेगा, उसकी सहायतार्थ चन्दा देगा या किसी अन्य रीति से उसकी मदद करेगा, जो, प्रत्यक्षतः या अप्रत्यक्षतः विविध द्वारा स्थापित सरकार के प्रति विद्रोही हो या उसके प्रति विद्रोही कार्यवाहियां करने की प्रवृत्ति पैदा करती हो ।

उदाहरण राज्य में “क”, “ख”, “ग” राजनीतिक दल हैं।

“क” वह दल है जिसके हाथ में सत्ता है और जिसने उस समय की सरकार बनाई है।

“अ” एक सरकारी कर्मचारी है। इस उपनियम का प्रतिबन्ध “अ” पर सभी दलों के संबंध में लागू होगा, जिसमें “क” दल भी, जिसके हाथ में सत्ता है, सम्मिलित होगा।

(2) प्रत्येक सरकारी कर्मचारी का यह कर्तव्य होगा कि वह अपने परिवार के किसी सदस्य को, किसी ऐसे आन्दोलन या क्रिया में, जो प्रत्यक्षतः या अप्रत्यक्षतः विविध द्वारा स्थापित सरकार के प्रति विद्रोही है या उसके प्रति विद्रोही कार्यवाहियां करने की प्रवृत्ति पैदा करती है, हिस्सा लेने, सहायतार्थ चन्दा देने या किसी अन्य रीति से उसकी मदद करने से रोकने का प्रयत्न करे, और, उस दशा में जबकि कोई सरकारी कर्मचारी अपने परिवार के किसी सदस्य को किसी ऐसे आन्दोलन या क्रिया में हिस्सा लेने, सहायतार्थ चन्दा देने, या किसी अन्य रीति से मदद करने से रोकने में असफल रहे, तो वह इस आशय की रिपोर्ट सरकार के पास भेज देगा।

उदाहरण- “क” एक सरकारी कर्मचारी है।

“ख” एक “परिवार का सदस्य” है, जैसी कि उसकी परिभाषा 2(ग) में की गयी है। “आ” वह आन्दोलन या क्रिया है, जो प्रत्यक्षतः या अप्रत्यक्षतः विधि द्वारा स्थापित सरकार के प्रति विद्रोही है या उसके प्रति विद्रोही कार्यवाहियां करने की प्रवृत्ति पैदा करती है। “क” को विदित हो जाता है कि इस उपनियम के उपबन्धों के अर्न्तगत, “आ” के साथ “ख” का सम्र्पक आपत्तिजनक है। “क” को चाहिए कि वह “ख” के ऐसे आपत्तिजनक सम्र्पक को रोके। यदि “क” “ख” के ऐसे सम्र्पक को रोकने में असफल रहे, तो उसे इस मामले की एक रिपोर्ट सरकार के पास भेज देनी चाहिए।

( 3 ) यदि कोई प्रश्न उठाता है कि कोई आन्दोलन या क्रिया इस नियम के क्षेत्र में आती है। अथवा नहीं, तो इस प्रश्न पर सरकार द्वारा दिया गया निण्रय अन्तिम होगा। ( 4 ) कोई सरकारी कर्मचारी, किसी विधान मण्डल या स्थानीय प्राधिकारी के चुनाव में न तो

पक्ष-प्रचार करेगा न अन्यथा उसमें हस्तक्षेप करेगा, और न उसके सम्बन्ध में अपने प्रभाव का प्रयोग करेगा और न उसमें हिस्सा लेगा :

किन्तु प्रतिबन्ध यह है कि-

(1) कोई सरकारी कर्मचारी, जो ऐसे चुनाव में वोट डालने का अधिकारी है, वोट डालने के लिए अपने अधिकार को प्रयोग ला सकता है, किन्तु उस दशा में जबकि वह वोट डालने के अपने अधिकार का प्रयोग करता है, वह इस बात का कोई संकेत न देगा कि उसने किस ढंग से अपना वोट डालने का विचार किया अथवा किस ढंग से उसने अपना वोट डाला है।

(2) केवल इस कारण से कि तत्समय प्रवृत्त किसी विधि द्वारा या उसके अर्न्तगत उस पर आरोपित किसी कर्तव्य के यथोचित पालन में, कोई सरकारी कर्मचारी किसी चुनाव के संचालन में मदद करता है, उसके सम्बन्ध में यह नही समझा जायेगा कि उसने इस उपनियम के उपबन्धों का उल्लंधन किया है।

स्पष्टीकरण किसी सरकारी कर्मचारी द्वारा अपने शरीर अपनी सवारी गाड़ी, या निवास + स्थान पर, किसी चुनाव चिन्ह का प्रदर्शन किया जाय तो यह समझा जायेगा कि उसने इस उप-नियम के अथ के अर्न्तगत, किसी चुनाव के सम्बन्ध में अपने प्रभाव का प्रयोग किया है।

उदाहरण- किसी चुनाव के सम्बन्ध में, रिटर्निंग आफिसर, सहायक रिटर्निंग ऑफिसर, प्रिजाइडिंग आफिसर, मतदान अधिकारी या मतदान लिपिक की हैसियत से कार्य करना उप-नियम (4) के उपबन्धों का उल्लंधन नही होगा।

नियम 5- क प्रदर्शन एवं हड़ताले कोइ सरकारी कर्मचारी-

(1) कोई ऐसा प्रदर्शन नहीं करेगा अथवा किसी ऐसे प्रदर्शन में भाग नहीं होगा, जो भारत की प्रभुता तथा अखण्डता के हितों, राज्य की सुरक्षा, विदेशी राज्यों के साथ मैत्रीपूर्ण सम्बन्धों, सार्वजनिक सुव्यवस्था, भद्रता या नैतिकता के प्रतिकूल हो अथवा जिससे न्यायालय का अवमान या मानहानि होती हों या अपराध करने के लिये उत्तेजना मिलती हो, अथवा

(2) अपनी सेवा या किसी अन्य सरकारी कर्मचारी की सेवा से संबंधित किसी मामले के सम्बन्ध में न तो कोई हड़ताल करेंगा और न किसी प्रकार की हड़ताल करने के लिये अवप्रेरित करेंगा।

नियम 5-ख सरकारी कर्मचारियों का संघों का सदस्य बनना-

कोई सरकारी कर्मचारी किसी ऐसे संघ का न तो सदस्य बनेगा और न उसका सदस्य बना रहेगा, जिसके उद्देश्य अथवा कार्य-कलाप भारत की प्रभुता तथा अखण्डता के हितों या सार्वजनिक सुव्यवस्था अथवा नैतिकता के प्रतिकूल हो ।

नियम 6- समाचार पत्रों अथवा रेडियो से सम्बन्ध रखना-

(1) कोई सरकारी कर्मचारी, सिवाय उस दशा के जबकि उसने सरकार की पूर्व स्वीकृति प्राप्त कर ली हो, किसी समाचार पत्र या अन्य नियतकालिक प्रकाशन का पूर्णतः या अंशतः, स्वामी नहीं होगा, न उसका संचालन करेगा, न उसके सम्पादन या प्रबंधन में भाग लेगा।

(2) कोई सरकारी कर्मचारी, सिवाय उस दशा के जबकि उसने सरकार की या इस सम्बन्ध में सरकार द्वारा अधिकृत किसी अन्य प्राधिकारी की पूर्व स्वीकृति प्राप्त कर ली हो अथवा जब वह अपने कर्तव्यों का सद्भाव से निर्वहन कर रहा हो, किसी रेडियो प्रसारण में भाग नहीं लेगा या किसी समाचार पत्र या पत्रिका को लेख नहीं भेजेगा और गुमनाम से अपने नाम से या किसी अन्य व्यक्ति के नाम में, किसी समाचार पत्र या पत्रिका को कोई पत्र नही लिखेगा :

( 3 ) किन्तु प्रतिबन्ध यह है कि उस दशा में जबकि ऐसे प्रसारण या ऐसे लेख का स्वरूप केवल साहित्यिक, कलात्मक अथवा वैज्ञानिक हो, किसी ऐसे स्वीकृति पत्र के प्राप्त करने की आवश्यकता नहीं होगी।

नियम 7. सरकार की आलोचना

कोई भी सरकारी कर्मचारी किसी रेडियो प्रसारण में या गुमनाम से या स्वंय अपने नाम में या किसी अन्य व्यक्ति के नाम में प्रकाशित किसी लेख में या समाचार पत्रों को भेजे गये पत्र में, या

  1. किसी सार्वजनिक कथन में, कोई ऐसे तथ्य की बात या मत व्यक्त नहीं करेगा- जिसका प्रभाव यह हो कि वरिष्ठ पदाधिकारियों के किसी निर्णय की प्रतिकूल आलोचना हो या उत्तर प्रदेश सरकार या केन्द्रीय सरकार या किसी अन्य राज्य सरकार या किसी स्थानीय प्राधिकारी की किसी चालू या हाल की नीति या कार्य की प्रतिकूल आलोचना हो, या
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